लिंग की लंबाई को उचित तरीके के नापना।
लिंग की लंबाई नापना
सही तरीके के नापें ताकि सही तुलना कर सकें
इंटरनेट पर लिंग की लंबाई को सही प्रकार नापने के कुछ तरीके बताए गए हैं। किंतु तुलनीय परिणाम पाने के लिए मापन का एक मानकीकृत तरीका होना आवश्यक है। मूलतः हम पहले शिथिल व उत्तेजित अवस्थाओं में लिंग की लंबाई की तुलना करते हैं।
उत्तेजित अवस्था में लिंग की लंबाई
सही नाप के लिए लिंग पूरी तरह से खड़ा होना चाहिए। तुलनीय परिणामों के लिए – लिंग के विभिन्न आकारों और मुड़ाव को ध्यान में रखते हुए – पारंपरिक तरीका है लिंग के आधार (जहाँ वह पेट से जुड़ा होता है) से मुंड के सिरे तक की सबसे छोटी दूरी को नापना। नाप लेने के लिए किसी ठोस वस्तु, कायदे से एक रूलर, का प्रयोग किया जाना चाहिए। एक लचीले मापक फीते से सही नाप नहीं मिलेगा और लिंग का मुड़ाव भी परिणाम में शामिल हो जाएगा।
शिथिल अवस्था में लिंग की लंबाई
शिथिल अवस्था में लिंग की लंबाई लेना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह घटती-बढ़ती रहती है। यदि आप केवल लिंग वर्धन के किसी उपाय की प्रगति देखने के लिए नाप लेना चाहते हैं, तो सामान्यतः हर रोज एक ही समय पर – जैसे सुबह उठने के आधे घंटे बाद – नाप लेना काफी है।
यदि आप किसी अन्य व्यक्ति से तुलना करने के लिए नाप लेना चाहते हैं, तो आपको कई बार नाप लेकर उनका औसत मान निकालना होगा। इसके लिए लिंग की लंबाई को कई विभिन्न स्थितियों में नापना होगा, जैसे
- सुबह उठाने के तुरंत बाद
- नाश्ते के बाद
- स्नान के बाद
- कसरत या खेल-कूद के बाद
- रात को सोने जाने से पहले
इस आंकड़ों का – जोकि आदर्श रूप से कई दिनों तक एकत्र किए गए हैं – आपको एक औसात मान निकालना होगा (मानों के जोड़ को मानों की कुल संख्या से विभाजित करते हुए)। यह देगा आपको शिथिल अवस्था में लिंग की लंबाई का सही व तुलनीय मान।